अभी हाल ही में चीन और ब्राजील के बड़े नेताओं ने आपस में बात की है। उनकी बातचीत का मुख्य विषय यह था कि ब्राजील से चीन को और ज्यादा खेती से जुड़े सामान कैसे भेजे जा सकते हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने चीन से आने वाले कुछ सामानों पर टैक्स (टैरिफ) बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि चीन अब दूसरे देशों से अपना सामान खरीदने की सोच रहा है, और ब्राजील उसके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि ब्राजील में खेती की पैदावार बहुत अच्छी होती है। इस बातचीत में दोनों देशों ने यह भी तय किया कि वे व्यापार को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। इससे ब्राजील के किसानों को फायदा हो सकता है क्योंकि वे अपना सामान चीन को बेच पाएंगे, और चीन को भी खाने-पीने की चीजों की कमी नहीं होगी।
मुख्य जानकारी :
इस खबर में सबसे ज़रूरी बात यह है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर जो तनाव चल रहा है, उसका असर अब दूसरे देशों पर भी दिखने लगा है। चीन अब अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और इसलिए वह ब्राजील जैसे देशों के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते मजबूत कर रहा है। ब्राजील एक बड़ा कृषि उत्पादक देश है, इसलिए चीन के लिए वह एक महत्वपूर्ण साझेदार बन सकता है। इस घटना से यह भी पता चलता है कि दुनिया में व्यापार के नियम बदल रहे हैं और देश अब अपनी जरूरतों के लिए अलग-अलग विकल्प तलाश रहे हैं। इसका असर उन कंपनियों और देशों पर पड़ सकता है जो अभी भी अमेरिका और चीन के साथ ज्यादा व्यापार करते हैं।
निवेश का प्रभाव :
अगर चीन और ब्राजील के बीच कृषि व्यापार बढ़ता है, तो ब्राजील की उन कंपनियों को फायदा हो सकता है जो खेती से जुड़े सामान जैसे सोयाबीन, मक्का और मांस आदि का उत्पादन करती हैं। इन कंपनियों के शेयर की मांग बढ़ सकती है। वहीं, भारत के जो किसान या एग्री-बिजनेस कंपनियां इन चीजों का निर्यात करती हैं, उन्हें थोड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह भी हो सकता है कि चीन के साथ दूसरे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ने से भारत के लिए नए मौके खुलें। निवेशकों को इस खबर पर ध्यान देना चाहिए और देखना चाहिए कि इसका असर किन-किन क्षेत्रों पर पड़ सकता है। उन्हें उन कंपनियों पर भी नजर रखनी चाहिए जिनके व्यापारिक रिश्ते चीन और ब्राजील दोनों के साथ हैं।