अमेरिका ने चीन की लगभग 30 कंपनियों को अपनी “जबरन मजदूरी वाली काली सूची” में शामिल करने का फैसला किया है। यह खबर वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी है। इसका मतलब है कि इन कंपनियों पर अमेरिका में सामान बेचने पर पाबंदी लग सकती है, क्योंकि अमेरिका का मानना है कि ये कंपनियां अपने उत्पाद बनाने के लिए मजदूरों से जबरन काम करवाती हैं। यह कदम चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई का हिस्सा है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है।
- जिन चीनी कंपनियों को काली सूची में डाला गया है, उनके शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आ सकती है, क्योंकि कई अमेरिकी कंपनियां चीनी कंपनियों से कच्चा माल या तैयार उत्पाद मंगवाती हैं।
- मानवाधिकारों के मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव चीन पर बढ़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- जिन अमेरिकी कंपनियों का चीनी कंपनियों से गहरा संबंध है, उनके शेयरों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
- निवेशकों को अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इससे बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
- सोने जैसी सुरक्षित निवेश विकल्पों में रूचि बढ़ सकती है, अगर बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है।