अमेरिका में एक नया कानून चर्चा में है जिसका नाम है “बायोसिक्योर एक्ट”। इस कानून के तहत, अमेरिकी सरकार चीनी बायोटेक कंपनियों से दवाइयां और उपकरण खरीदना बंद कर देगी। इससे भारतीय दवा कंपनियों, खासकर “कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गेनाइजेशन” (CDMO) को फायदा हो सकता है। CDMO ऐसी कंपनियां होती हैं जो दूसरी कंपनियों के लिए दवाइयां बनाती हैं।
अभी भारतीय CDMO कंपनियों का दुनिया के बाजार में सिर्फ 2.7% हिस्सा है, जबकि चीन का 8% है। इस कानून के पास होने से भारतीय कंपनियों को चीन से आगे निकलने का मौका मिल सकता है। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि कई भारतीय दवा कंपनियों को अमेरिका से नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
लेकिन, भारतीय कंपनियों के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। उनके पास चीन जितना अनुभव और तकनीक नहीं है। फिर भी, यह कानून भारतीय CDMO क्षेत्र के लिए एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिका का बायोसिक्योर एक्ट चीन की बायोटेक कंपनियों पर रोक लगाएगा।
- इससे भारतीय CDMO कंपनियों को अमेरिकी बाजार में अपना कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा।
- भारतीय कंपनियों को अनुभव और तकनीक के मामले में सुधार करने की ज़रूरत है।
निवेश का प्रभाव :
यह खबर भारतीय CDMO कंपनियों, जैसे लॉरस लैब्स, के लिए अच्छी है। अगर यह कानून पास होता है, तो इन कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है। लेकिन, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और कंपनी के प्रदर्शन, वित्तीय स्थिति और बाजार के हालात पर नज़र रखनी चाहिए।
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