आज, भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत अच्छी रही। प्री-मार्केट ट्रेडिंग सेशन में एनएसई का सूचकांक 0.11% की बढ़त के साथ खुला। प्री-मार्केट ट्रेडिंग एक छोटा सा सेशन होता है जो सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक चलता है। यह सेशन इसलिए बनाया गया है ताकि मार्केट खुलने से पहले ही शेयरों की ओपनिंग प्राइस तय हो जाए और शुरुआती समय में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव (वोलेटिलिटी) न हो। इस सेशन में जिन शेयरों में ज्यादा ऑर्डर आते हैं, उनकी ओपनिंग प्राइस डिमांड और सप्लाई के हिसाब से तय हो जाती है।
आज की यह बढ़त ग्लोबल बाजारों से मिल रहे अच्छे संकेतों के कारण हुई है। अमेरिका और एशिया के कई बाजारों में तेजी देखने को मिली है, जिसका सीधा असर हमारे बाजार पर भी पड़ा है। इसके साथ ही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) का डेटा भी बाजार के लिए सकारात्मक है। विदेशी निवेशक और घरेलू निवेशक दोनों ही भारतीय शेयरों में खरीदारी कर रहे हैं, जिससे बाजार को मजबूती मिल रही है।
मुख्य जानकारी :
इस खबर से हमें यह समझ आता है कि बाजार में आज तेजी का रुख है। प्री-मार्केट में हल्की बढ़त का मतलब है कि निवेशक आज के दिन के लिए सकारात्मक हैं। इस तेजी के पीछे कुछ प्रमुख कारक हैं:
- वैश्विक बाजार: अमेरिका और एशिया के बाजारों में तेजी का माहौल है। जब विदेशी बाजार अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो भारतीय बाजार भी अक्सर उन्हीं का अनुसरण करते हैं।
- निवेशकों का रुख: विदेशी और घरेलू निवेशक, दोनों ही भारतीय इक्विटी में पैसा लगा रहे हैं। FII और DII की लगातार खरीदारी बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखने और उसे ऊपर ले जाने में मदद करती है।
- प्री-मार्केट का महत्व: प्री-मार्केट ट्रेडिंग सेशन से पता चलता है कि बाजार में कौन से शेयर आज की शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। यह दिन के लिए बाजार की दिशा तय करने में मदद करता है।
निवेश का प्रभाव :
बाजार की यह शुरुआती बढ़त निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। अगर आप निवेशक हैं, तो आपको इस शुरुआती तेजी को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।
- खरीद और बेच (Buying and Selling): शुरुआती बढ़त के बावजूद, निवेशकों को हड़बड़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। हमेशा अपनी रिसर्च करके ही निवेश करें। अगर आप किसी शेयर को खरीदना चाहते हैं, तो उसकी मांग और सप्लाई को देखें, न कि सिर्फ शुरुआती बढ़त को।
- जोखिम प्रबंधन (Risk Management): प्री-मार्केट में कम वॉल्यूम होने के कारण कीमतें अचानक बदल सकती हैं। इसलिए, यह अनुभवी ट्रेडर्स के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। नए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित ट्रेडिंग घंटों (सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक) के दौरान ही ट्रेडिंग करें।
- सेक्टर पर नजर: इस शुरुआती तेजी से कुछ खास सेक्टरों को फायदा हो सकता है, जैसे कि बैंकिंग और आईटी। विदेशी और घरेलू निवेशकों की भागीदारी से इन क्षेत्रों के शेयरों में मजबूती आ सकती है।
स्रोत: