कल ब्रेंट क्रूड का भाव 2.49% बढ़कर 73.62 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह बढ़ोतरी ओपेक+ देशों द्वारा उत्पादन में कटौती जारी रखने के फैसले के बाद आई है। ओपेक+ देशों में सऊदी अरब और रूस जैसे बड़े तेल उत्पादक देश शामिल हैं।
मुख्य जानकारी :
- ओपेक+ देशों ने तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए उत्पादन में कटौती का फैसला किया है।
- अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में गिरावट आई है, जिससे कीमतों को और सहारा मिला है।
- भारत, कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है, इसलिए तेल की बढ़ती कीमतें हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
- तेल कंपनियों (ONGC, Reliance Industries) के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
- पेंट, टायर और एविएशन जैसी कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है क्योंकि उनके लिए कच्चा माल महंगा हो जाएगा।
- निवेशकों को ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार पर नजर रखनी चाहिए।
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