अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आज गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड और अमेरिकी क्रूड दोनों ही $1 प्रति बैरल से ज़्यादा नीचे आ गए हैं।
इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- मांग में कमी: दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंकाओं के चलते, कच्चे तेल की मांग में कमी आ सकती है।
- अमेरिकी डॉलर में मजबूती: डॉलर के मजबूत होने से कच्चे तेल की कीमतें गिर सकती हैं, क्योंकि तेल डॉलर में ही खरीदा-बेचा जाता है।
- ओपेक+ की नीतियां: तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक+ द्वारा उत्पादन बढ़ाने या घटाने के फैसले भी कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
मुख्य जानकारी :
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी आ सकती है।
- इससे परिवहन और अन्य उद्योगों को राहत मिल सकती है, जिनके लिए तेल एक महत्वपूर्ण लागत है।
- हालांकि, तेल उत्पादक कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- दूसरी ओर, परिवहन और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के शेयरों को फायदा हो सकता है।
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