अमेरिका में कच्चे तेल का भाव आज गिर गया। WTI क्रूड ऑयल का दाम 3.23% घटकर 68.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
मुख्य जानकारी :
- तेल की कीमतों में यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि अमेरिका में तेल भंडार में बढ़ोतरी, चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से मांग में कमी की आशंका, और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से।
- ओपेक देशों के तेल उत्पादन में कटौती के बावजूद, तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे पता चलता है कि बाजार में अभी भी अनिश्चितता का माहौल है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में गिरावट का असर तेल कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिल सकता है। ONGC, Reliance Industries जैसे शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर रहने वाले उद्योगों, जैसे कि एविएशन और पेंट्स, को भी इस गिरावट का असर झेलना पड़ सकता है।
- दूसरी तरफ, तेल की कीमतों में गिरावट से परिवहन लागत कम हो सकती है, जिससे कुछ कंपनियों को फायदा हो सकता है।
- निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे तेल बाजार पर नजर रखें और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लें।