अमेरिका में कच्चे तेल का भाव आज थोड़ा बढ़ गया। न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) कच्चे तेल का दिसंबर वायदा 10 सेंट यानी 0.15% बढ़कर 68.10 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
मुख्य जानकारी :
- तेल की कीमतों में यह बढ़ोतरी ओपेक+ (तेल उत्पादक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों) द्वारा उत्पादन में कटौती जारी रखने की उम्मीदों के कारण हुई है।
- अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (API) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार उम्मीद से ज़्यादा घटा है, जिससे भी कीमतों को सहारा मिला।
- हालांकि, अमेरिका में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों और इससे तेल की मांग में कमी की आशंकाओं ने कीमतों में तेज़ी पर लगाम लगाई।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि बाजार ओपेक+ की नीतियों, अमेरिकी भंडार के आंकड़ों और कोरोना वायरस के प्रभाव पर नज़र रखे हुए है।
- ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार के रुझानों पर ध्यान देना चाहिए।
- तेल आयात करने वाले देशों जैसे भारत में, तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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