दुनिया भर में कोको की कमी की आशंका के चलते न्यू यॉर्क में कोको की कीमतें बढ़कर 11,000 डॉलर प्रति टन के पार पहुँच गई हैं। यह 46 सालों में सबसे ऊँची कीमत है। कोको की खेती करने वाले प्रमुख देशों जैसे घाना और आइवरी कोस्ट में फसल को नुकसान पहुँचने की वजह से यह कमी देखी जा रही है। इसके अलावा, बढ़ती मांग और कम उत्पादन के कारण भी कीमतों में तेजी आई है।
मुख्य जानकारी :
- कोको की कीमतों में यह उछाल चॉकलेट बनाने वाली कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंता का विषय है।
- चॉकलेट की कीमतें बढ़ सकती हैं जिससे आम आदमी पर असर पड़ेगा।
- कोको उत्पादक देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन लंबे समय में यह स्थिरता के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- कोको से जुड़े शेयरों में तेजी देखी जा सकती है।
- चॉकलेट बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- निवेशकों को इस क्षेत्र में सावधानी से निवेश करना चाहिए और बाजार पर नजर रखनी चाहिए।
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