कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में स्थित कर्टिन यूनिवर्सिटी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य कोयला खनन के क्षेत्र में नई तकनीकों का विकास और उन्हें लागू करना है, ताकि कोयला उत्पादन को अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके।
इस समझौते के तहत, दोनों संस्थान मिलकर कई क्षेत्रों में काम करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- भूगर्भीय मॉडलिंग: कोयला भंडारों का सटीक 3D मॉडल बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
- कोयला खनन में स्वचालन: खनन प्रक्रिया को स्वचालित बनाने के लिए रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा।
- पर्यावरण संरक्षण: कोयला खनन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए नई तकनीकों का विकास किया जाएगा।
मुख्य जानकारी :
यह समझौता कोल इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह उन्हें कोयला खनन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी तकनीकों को अपनाने में मदद करेगा। इससे कोयला उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
निवेश का प्रभाव :
यह समझौता कोल इंडिया के लिए दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता और दक्षता में सुधार होगा, जिससे मुनाफा बढ़ सकता है। निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे कोल इंडिया के शेयरों में तेजी आ सकती है।
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