अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल आयात करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए उठाया गया था। अमेरिका का मानना था कि मादुरो की सरकार लोकतांत्रिक नहीं है और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना और मादुरो को सत्ता से हटाना था। इस आदेश के अनुसार, जो भी देश वेनेजुएला से तेल आयात करेगा, उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। इससे वेनेजुएला की तेल निर्यात क्षमता में कमी आई और उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा। भारत और चीन जैसे देश वेनेजुएला से तेल आयात करने वाले मुख्य देश थे, और उन्हें भी इस प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। इस आदेश से वैश्विक तेल बाजार में भी अस्थिरता आई।
मुख्य जानकारी :
इस खबर में सबसे ज़रूरी बात यह है कि अमेरिका ने वेनेजुएला की सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस कदम से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है, क्योंकि तेल उसका मुख्य निर्यात है। भारत और चीन जैसे देशों को भी इस प्रतिबंध के कारण वेनेजुएला से तेल आयात करने में मुश्किलें आईं। इससे वैश्विक तेल बाजार में भी अस्थिरता आई।
निवेश का प्रभाव :
इस खबर का असर तेल कंपनियों के शेयरों पर पड़ सकता है। वेनेजुएला से तेल आयात करने वाली भारतीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता के कारण तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। निवेशकों को इस खबर पर ध्यान देना चाहिए और अपने निवेश निर्णयों को सोच-समझकर लेना चाहिए।