अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आज गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड ऑयल और अमेरिकी क्रूड ऑयल दोनों में $1 प्रति बैरल से ज़्यादा की गिरावट आई है।
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना बताया जा रहा है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो अन्य मुद्राओं में तेल खरीदना महंगा हो जाता है, जिससे मांग कम होती है और कीमतें गिरती हैं।
मुख्य जानकारी :
- डॉलर का मजबूत होना: अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद से डॉलर मजबूत हुआ है।
- तेल की मांग में कमी: चीन जैसे बड़े तेल आयातक देशों में आर्थिक सुस्ती की आशंका से तेल की मांग में कमी आ सकती है।
- भू-राजनीतिक तनाव: मध्य पूर्व में तनाव कम होने से तेल की आपूर्ति पर कोई खतरा नहीं है, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयर: तेल की कीमतों में गिरावट से तेल उत्पादक कंपनियों जैसे ONGC और Reliance Industries के शेयरों पर दबाव देखने को मिल सकता है।
- पेट्रोलियम उत्पाद: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
- मुद्रास्फीति: तेल की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।