कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड का भाव 2.87% गिरकर 73.01 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह गिरावट 2.16 डॉलर की है। इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हो गए हैं।
मुख्य जानकारी :
- कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि अमेरिका में तेल भंडार में बढ़ोतरी, चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों की चिंता, और डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती।
- तेल की कीमतों में गिरावट का असर पेट्रोल और डीजल के दामों पर भी पड़ सकता है। अगर कंपनियां इस गिरावट का फायदा ग्राहकों तक पहुँचाती हैं, तो पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है।
- तेल की कीमतों में गिरावट से उन कंपनियों को फायदा होगा जो तेल का आयात करती हैं, जैसे कि एयरलाइंस और पेंट कंपनियां।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर इस खबर का नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- जिन कंपनियों को तेल की कीमतों में गिरावट से फायदा होता है, उनके शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखें और सोच-समझकर निवेश करें।