भारत सरकार ने समुद्र के अंदर खनिजों की खोज और खनन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 28 नवंबर 2024 को, खान मंत्रालय ने 13 अपतटीय खनिज ब्लॉकों की नीलामी की शुरुआत की। ये ब्लॉक अरब सागर और अंडमान सागर में स्थित हैं, और इनमें निर्माण रेत, चूना मिट्टी, और बहुमूल्य धातुओं जैसे खनिज शामिल हैं।
यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि यह पहली बार है जब देश ने समुद्री खनन में कदम रखा है। इससे देश को खनिज संसाधनों के मामले में आत्मनिर्भर बनने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
मुख्य जानकारी :
- आत्मनिर्भर भारत: यह कदम भारत को महत्वपूर्ण खनिजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
- नई तकनीक: समुद्री खनन के लिए नई तकनीकों और विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी, जिससे भारत में नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
- आर्थिक विकास: समुद्री खनन से प्राप्त खनिजों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जा सकता है, जिससे देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
- पर्यावरणीय चिंताएँ: समुद्री खनन से पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए सरकार को सावधानीपूर्वक योजना बनाने और पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की आवश्यकता होगी।
निवेश का प्रभाव :
- नए अवसर: समुद्री खनन से जुड़े उद्योगों में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।
- धातु और खनन कंपनियां: इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों, जैसे वेदांता, हिंडाल्को, और जेएसडब्ल्यू स्टील, को इस नीलामी से फायदा हो सकता है।
- नई तकनीक कंपनियां: समुद्री खनन के लिए आवश्यक तकनीक प्रदान करने वाली कंपनियों में भी निवेश के अवसर हो सकते हैं।
- जोखिम: निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि समुद्री खनन एक नया क्षेत्र है और इसमें कुछ जोखिम भी शामिल हैं।
स्रोत:
- Mines Ministry launches first-ever tranche of 13 offshore mineral blocks for auction
- Ministry of Mines to Launch the First Tranche of the Auction of Mineral Blocks in the Offshore Areas of India – PIB
- First offshore mineral auction kicks off tomorrow; 13 blocks up for bidding | Economy & Policy News – Business Standard