भारत में मुद्रा आपूर्ति (M3) में पिछले कुछ समय से गिरावट देखी जा रही है। M3 का मतलब है देश में मौजूद कुल पैसों की मात्रा, जिसमें नकदी, बैंक में जमा राशि, और अन्य वित्तीय संपत्तियां शामिल हैं। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, M3 में सालाना आधार पर 10.4% की वृद्धि हुई है, जो पिछले आंकड़े 11.2% से कम है।
मुख्य जानकारी :
- M3 में गिरावट का मतलब है कि अर्थव्यवस्था में पैसों का प्रवाह कम हो रहा है।
- इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि बैंकों द्वारा कम कर्ज देना, लोगों का खर्च कम करना, या विदेशी निवेश में कमी।
- M3 में कमी से आर्थिक विकास की गति धीमी हो सकती है, क्योंकि कंपनियों के पास निवेश के लिए कम पैसे होंगे और लोगों के पास खर्च करने के लिए कम पैसे होंगे।
निवेश का प्रभाव:
- M3 में गिरावट शेयर बाजार के लिए एक नकारात्मक संकेत हो सकता है, क्योंकि इससे कंपनियों की कमाई कम हो सकती है।
- निवेशकों को इस समय सतर्क रहना चाहिए और बाजार की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
- अगर M3 में गिरावट जारी रहती है, तो RBI को ब्याज दरों में कमी करके अर्थव्यवस्था में पैसों का प्रवाह बढ़ाने के लिए कदम उठाने पड़ सकते हैं।
स्रोत: