रिलायंस पावर की सहायक कंपनी, रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने रिलायंस पावर पर कुछ टेंडरों में भाग लेने से रोक लगा दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया है।
SECI ने रिलायंस पर आरोप लगाया था कि उसने एक टेंडर में फर्जी बैंक गारंटी जमा की थी, जिसके बाद कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों को तीन साल के लिए टेंडरों से प्रतिबंधित कर दिया गया था। रिलायंस ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट ने SECI के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि रिलायंस एनयू बेस को टेंडरों में भाग लेने से नहीं रोका जा सकता।
मुख्य जानकारी :
- यह फैसला रिलायंस पावर के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि इससे कंपनी को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।
- यह फैसला SECI के लिए एक झटका है, क्योंकि इससे उसकी विश्वसनीयता कम हो सकती है।
- इस मामले का भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- रिलायंस पावर के शेयरों में तेजी आ सकती है, क्योंकि कंपनी को अब नए प्रोजेक्ट हासिल करने का मौका मिलेगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को इस मामले पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इससे नए नियम और कानून बन सकते हैं।
स्रोत: