रूस के प्रिमोर्स्क बंदरगाह से दिसंबर में डीजल का निर्यात बढ़कर 14 लाख टन होने की उम्मीद है, जो नवंबर में निर्धारित 11 लाख टन से ज़्यादा है। व्यापारियों के अनुसार, यह बढ़ोतरी सर्दियों में ईंधन की मांग बढ़ने और रूस द्वारा एशियाई बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों को दर्शाती है।
मुख्य जानकारी :
- रूस का बढ़ता प्रभाव: रूस यूरोपीय प्रतिबंधों के बावजूद वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है। एशियाई देशों, खासकर भारत और चीन में रूसी डीजल की मांग बढ़ रही है।
- भारत के लिए फायदा: सस्ता रूसी डीजल भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह ईंधन की लागत कम करने और व्यापार घाटे को कम करने में मदद कर सकता है।
- ऊर्जा सुरक्षा: रूस से डीजल आयात बढ़ने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो सकती है और पश्चिमी देशों पर निर्भरता कम हो सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस कंपनियां: रूसी डीजल आयात बढ़ने से भारतीय तेल और गैस कंपनियों, जैसे कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और रिलायंस इंडस्ट्रीज, को फायदा हो सकता है।
- शिपिंग कंपनियां: रूस से डीजल परिवहन में शामिल शिपिंग कंपनियों के लिए भी यह अच्छी खबर है।
- वैकल्पिक ऊर्जा: हालांकि, निवेशकों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि दीर्घकालिक में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना ज़रूरी है।
स्रोत: