अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोहे के दाम बढ़कर 100 डॉलर प्रति टन के महत्वपूर्ण स्तर के करीब पहुँच गए हैं। इसकी मुख्य वजह है चीन में लोहे की बढ़ती मांग और वहाँ की सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और प्रोत्साहन पैकेज लाने की उम्मीद।
चीन दुनिया का सबसे बड़ा लोहा आयातक देश है, और उसकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने से लोहे की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, चीन सरकार द्वारा रियल एस्टेट सेक्टर में टैक्स में कमी करने के ऐलान से भी बाजार में उत्साह है।
मुख्य जानकारी :
- चीन का प्रभाव: चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्टील उत्पादक है और लोहे की मांग का अहम केंद्र है। चीन में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से लोहे की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
- प्रोत्साहन पैकेज: चीन सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और प्रोत्साहन पैकेज लाए जाने की उम्मीद है। इससे निर्माण क्षेत्र में तेजी आ सकती है और लोहे की मांग बढ़ सकती है।
- रियल एस्टेट सेक्टर: चीन में रियल एस्टेट सेक्टर में टैक्स में कमी से निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोहे की मांग में और इजाफा होगा।
निवेश का प्रभाव :
- स्टील कंपनियों के लिए सकारात्मक: लोहे की कीमतों में बढ़ोतरी से स्टील कंपनियों के मुनाफे में इजाफा हो सकता है।
- धातु क्षेत्र में तेजी: लोहे की कीमतों में तेजी से धातु क्षेत्र के अन्य शेयरों में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
- चीन पर नजर: निवेशकों को चीन की आर्थिक स्थिति और सरकार के नीतिगत फैसलों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इनका सीधा असर लोहे की कीमतों पर पड़ेगा।