कर्नाटक के राज्यपाल ने कर्नाटक खनिज अधिकार कर विधेयक 2024 को वापस लौटा दिया है। इस विधेयक में खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव था, जिससे राज्य सरकार को हर साल 4,208 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी।
इस विधेयक के अनुसार, अलग-अलग खनिजों पर अलग-अलग दर से टैक्स लगना था, जैसे कि बॉक्साइट, लैटेराइट अयस्क, क्रोमाइट, लौह अयस्क, मैग्नेसाइट पर 100 रुपये प्रति टन, तांबा और सोना पर 50 रुपये प्रति टन, चूना पत्थर पर 25 रुपये प्रति टन, और अन्य प्रमुख खनिजों पर 40 रुपये प्रति टन।
राज्यपाल ने इस विधेयक को वापस लौटाते हुए कहा कि इसमें कुछ स्पष्टता की कमी है और इसे दोबारा विचार के लिए राज्य सरकार को भेजा है।
मुख्य जानकारी :
- यह खबर खनन क्षेत्र, विशेष रूप से कर्नाटक में काम करने वाली कंपनियों, जैसे संदुर मैंगनीज के लिए महत्वपूर्ण है।
- राज्यपाल द्वारा विधेयक लौटाए जाने से राज्य सरकार के राजस्व संग्रह पर असर पड़ सकता है।
- इस विधेयक के लागू होने से खनिजों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर इस्पात, सीमेंट और निर्माण जैसे क्षेत्रों पर भी पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- संदुर मैंगनीज जैसी खनन कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
- निवेशकों को इस विधेयक पर आगे की कार्रवाई और उसके संभावित प्रभावों पर नज़र रखनी चाहिए।
- इस क्षेत्र में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।