सारांश:
स्टर्लिंग टूल्स ने घोषणा की है कि वह ग्लोबल व्हीकल कंपोनेंट्स (जीएलवीएसी) योंगिन इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर भारत में हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (HVDC) कॉन्टैक्टर्स और रिले बनाएगी। यह साझेदारी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (HEV) के लिए ज़रूरी पुर्ज़ों को बनाने में मदद करेगी।
इसके लिए स्टर्लिंग टूल्स बेंगलुरु में एक नई फैक्ट्री लगाएगी, जिसमें लगभग 40 करोड़ रुपये का निवेश होगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2030 तक इस साझेदारी से 250 करोड़ रुपये का कारोबार करे।
मुख्य अंतर्दृष्टि:
- यह साझेदारी ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगी और भारत को EV पुर्ज़ों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
- इससे HVDC कॉन्टैक्टर्स और रिले भारत में ही बनेंगे, जिससे उनकी कीमत कम होगी और OEM और टियर-1 कंपनियों के लिए यह उपलब्ध होंगे।
- स्टर्लिंग टूल्स EV और HEV क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करेगी और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाएगी।
निवेश निहितार्थ:
- स्टर्लिंग टूल्स के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि यह साझेदारी कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होगी।
- EV और HEV सेक्टर में ग्रोथ की उम्मीद है, जिससे स्टर्लिंग टूल्स को भी फायदा होगा।
- निवेशकों को स्टर्लिंग टूल्स के भविष्य के प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए।