पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) की बोर्ड मीटिंग 12 मार्च को होने वाली है। इस मीटिंग में दो मुख्य बातों पर चर्चा होगी। पहली बात है बाजार से कर्ज लेने की योजना। कंपनी यह देखेगी कि उसे बाजार से कितना कर्ज लेना है और उसके लिए क्या तरीके होंगे। दूसरी बात है अंतरिम लाभांश। अंतरिम लाभांश मतलब साल के बीच में दिया जाने वाला डिविडेंड। बोर्ड यह तय करेगा कि शेयरधारकों को कितना डिविडेंड दिया जाए। यह खबर उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो पीएफसी के शेयर रखते हैं या इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं। इस मीटिंग के फैसलों से कंपनी के वित्तीय स्थिति और शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है।
मुख्य जानकारी :
पीएफसी एक बड़ी सरकारी कंपनी है जो पावर सेक्टर को लोन देती है। बाजार से कर्ज लेने की योजना कंपनी के विस्तार और नए प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी है। अगर कंपनी ज्यादा कर्ज लेती है, तो उसके ब्याज का खर्चा बढ़ सकता है। अंतरिम लाभांश निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। यह दिखाता है कि कंपनी के पास अच्छा पैसा है और वह अपने शेयरधारकों को फायदा देना चाहती है। लाभांश की घोषणा से शेयर की मांग बढ़ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
अगर आप पीएफसी के शेयरधारक हैं, तो आपको 12 मार्च की मीटिंग के नतीजों पर नजर रखनी चाहिए। अगर कंपनी अच्छा लाभांश देती है, तो आपको फायदा हो सकता है। अगर कंपनी ज्यादा कर्ज लेती है, तो आपको यह देखना होगा कि इसका कंपनी के मुनाफे पर क्या असर पड़ता है। आपको यह भी देखना चाहिए कि पावर सेक्टर में क्या हो रहा है और सरकार की नीतियां क्या हैं। यह सब पीएफसी के शेयर की कीमत को प्रभावित कर सकता है। पीएफसी की आर्थिक स्थिति को भी देखना जरुरी है।
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