NHPC (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) लगभग 84,000 करोड़ रुपये का निवेश करके 20 गीगावाट की पंप स्टोरेज क्षमता स्थापित करने की योजना बना रहा है। पंप स्टोरेज का मतलब है कि जब बिजली की मांग कम होती है, तो पानी को ऊपर के जलाशय में पंप किया जाता है, और जब मांग बढ़ती है, तो उस पानी को नीचे गिराकर बिजली बनाई जाती है। इस परियोजना में कुल पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की आवश्यकता होगी। यह एक बहुत बड़ी परियोजना है और इससे देश की बिजली उत्पादन क्षमता में काफी वृद्धि होगी।
मुख्य जानकारी :
यह खबर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। पंप स्टोरेज परियोजनाएं ग्रिड को स्थिर करने में मदद करती हैं, खासकर जब सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग बढ़ रहा है। इन परियोजनाओं से न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। NHPC जैसी सरकारी कंपनी का इस तरह की बड़ी परियोजना में निवेश करना सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे बिजली क्षेत्र में अन्य कंपनियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
निवेश का प्रभाव :
NHPC का यह कदम निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि कंपनी भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विकास की उम्मीद कर रही है। इस खबर से NHPC के शेयरों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा, इस परियोजना से जुड़ी अन्य कंपनियों, जैसे कि इंजीनियरिंग, निर्माण और उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी फायदा हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, परियोजना की लागत और संभावित जोखिमों का ध्यान रखना चाहिए। बाजार के रुझानों और अन्य आर्थिक संकेतकों पर भी नजर रखना ज़रूरी है।
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