सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 में भारत में कुल ईंधन की खपत पिछले साल के मुकाबले 9.33% बढ़कर 20.43 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है। यह बढ़ोतरी देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी और त्योहारों के मौसम की मांग के कारण हुई है।
- पेट्रोल और डीजल: पेट्रोल और डीजल की बिक्री में क्रमशः 12% और 8% की बढ़ोतरी देखी गई है।
- एलपीजी: रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री में भी 7.3% की वृद्धि हुई है, क्योंकि सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अधिक परिवार खाना पकाने के लिए गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- विमानन ईंधन: हवाई यात्रा में बढ़ोतरी के कारण विमानन ईंधन (ATF) की बिक्री में 15% की तेजी देखी गई है।
मुख्य जानकारी :
- ईंधन की बिक्री में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी है और लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है।
- त्योहारों के मौसम में यात्रा और परिवहन बढ़ने से भी ईंधन की मांग में इजाफा हुआ है।
- सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के कारण एलपीजी की खपत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस कंपनियों (जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम) के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
- ईंधन की मांग बढ़ने से इन कंपनियों का मुनाफा बढ़ सकता है।
- ऑटोमोबाइल, एविएशन और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।
- निवेशकों को इन क्षेत्रों की कंपनियों पर नजर रखनी चाहिए।
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