कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड का भाव 0.71 डॉलर यानी 0.9% गिरकर 78.29 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। इसका मतलब है कि कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है।
मुख्य जानकारी :
- कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि अमेरिका में तेल भंडार में बढ़ोतरी, चीन में कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से मांग में कमी की आशंका, और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से।
- तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ ने उत्पादन में कटौती की है, लेकिन मांग में कमी की आशंका की वजह से कीमतों पर इसका असर कम दिख रहा है।
- भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है, क्योंकि इससे पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आ सकती है और महंगाई पर थोड़ी राहत मिल सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल और गैस कंपनियों के शेयरों पर इस खबर का असर देखने को मिल सकता है।
- अगर आपको लगता है कि तेल की कीमतें और गिरेंगी, तो आप तेल और गैस कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से पहले थोड़ा इंतजार कर सकते हैं।
- दूसरी तरफ, अगर आपको लगता है कि यह गिरावट अस्थायी है और कीमतें फिर से बढ़ेंगी, तो यह निवेश का अच्छा मौका हो सकता है।
- यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि कच्चे तेल की कीमतें कई चीज़ों पर निर्भर करती हैं और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा।
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