अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव में ईरान से परमाणु कार्यक्रमों के बारे में IAEA के साथ सहयोग बढ़ाने और अपने परमाणु संयंत्रों में IAEA निरीक्षकों को ज़्यादा पहुँच देने को कहा गया है। 19 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 3 ने विरोध किया और 12 देश मतदान से अलग रहे।
यह प्रस्ताव अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लाया गया था, जिनका मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। ईरान ने इन आरोपों को खारिज किया है और इस प्रस्ताव को “राजनीति से प्रेरित” बताया है।
मुख्य जानकारी :
- IAEA की चिंता: IAEA को चिंता है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे रहा है और IAEA निरीक्षकों को अपने संयंत्रों में पर्याप्त पहुँच नहीं दे रहा है।
- अमेरिका और सहयोगियों का दबाव: अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान पर अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
- ईरान का विरोध: ईरान इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा है और इसे अपने आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी मानता है।
- भू-राजनीतिक तनाव: यह प्रस्ताव अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है और इससे मध्य पूर्व में और अस्थिरता आ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव: इस घटना का असर तेल की कीमतों पर पड़ सकता है, क्योंकि ईरान एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है।
- सोने में निवेश: अनिश्चितता के माहौल में सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
- रक्षा क्षेत्र में तेजी: अगर तनाव बढ़ता है, तो रक्षा क्षेत्र से जुड़े शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
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