रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रीन के साथ एक बड़े सौर ऊर्जा सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए अपने ही ऊर्जा और वित्त विभागों की सलाह को नज़रअंदाज़ कर दिया। यह सौदा 2 गीगावाट के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसे सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर को दिया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य सरकार के ऊर्जा और वित्त विभागों ने इस सौदे पर चिंता जताई थी, क्योंकि इससे राज्य को बिजली खरीदने में ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते थे। लेकिन, राज्य सरकार ने इन चिंताओं को दरकिनार करते हुए SECI के साथ बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए।
मुख्य जानकारी :
- यह खबर बताती है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रीन के साथ सौर ऊर्जा सौदा करते समय अपने ही विभागों की सलाह को क्यों नज़रअंदाज़ किया।
- इससे यह सवाल उठता है कि क्या इस सौदे में पारदर्शिता बरती गई और क्या राज्य के हितों का पूरा ध्यान रखा गया।
- यह खबर अडानी ग्रुप के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कंपनी की छवि और भविष्य के प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकते हैं।
निवेश का प्रभाव :
- यह खबर अडानी ग्रीन के शेयरों में उतार-चढ़ाव ला सकती है। निवेशकों को इस मामले पर नज़र रखनी चाहिए और आगे कोई भी फैसला लेने से पहले पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
- यह घटना नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने वाले लोगों के लिए भी एक सबक है। सरकारों की नीतियों और फैसलों का इस क्षेत्र पर गहरा असर पड़ता है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
स्रोत: