आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट कंपनी मुंबई के वर्ली इलाके में एक ज़मीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कानूनी सलाह ले रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें बीएमसी को वर्ली में सेंचुरी कॉटन टेक्सटाइल मिल की 5 एकड़ ज़मीन आदित्य बिड़ला ग्रुप को देने का निर्देश दिया गया था।
यह ज़मीन 1927 में गरीबों के लिए घर बनाने के लिए दी गई थी, लेकिन लीज खत्म होने के बाद भी बीएमसी ने इसे वापस नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कंपनी ने 2009 में इस ज़मीन का इस्तेमाल व्यावसायिक कामों के लिए करने की योजना बनाई, जबकि लीज के मुताबिक इसका इस्तेमाल सिर्फ गरीबों के लिए घर बनाने के लिए होना था।
मुख्य जानकारी :
- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट को झटका लगा है।
- कंपनी अब इस मामले में आगे क्या कदम उठाए, इस पर कानूनी सलाह ले रही है।
- इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में कंपनी की योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- निवेशकों को इस खबर पर ध्यान देना चाहिए और कंपनी के आगे के कदमों पर नज़र रखनी चाहिए।
- इस फैसले से कंपनी के शेयरों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
- निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।
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