सरकार ने एक नया नियम बनाया है जिससे अब सभी नई सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में बैटरी स्टोरेज सिस्टम लगाना ज़रूरी होगा। इसका मतलब है कि अब बिजली बनाने वाली कंपनियों को सूरज और हवा से मिलने वाली ऊर्जा को बैटरी में जमा करना होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बिजली की सप्लाई लगातार बनी रहे, चाहे सूरज निकले या न निकले, हवा चले या न चले।
यह नियम बिजली बाजार में बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे न सिर्फ़ बिजली की सप्लाई बेहतर होगी, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य जानकारी :
- बिजली सप्लाई में स्थिरता: सौर और पवन ऊर्जा, प्राकृतिक चीज़ों पर निर्भर करती है, इसलिए इनसे बिजली बनाने में कभी कमी भी हो सकती है। बैटरी स्टोरेज से यह समस्या दूर होगी और बिजली की सप्लाई में रुकावट नहीं आएगी।
- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा: यह नियम नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा और हमें जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा।
- नए निवेश के अवसर: इस नियम से बैटरी स्टोरेज से जुड़ी कंपनियों के लिए नए निवेश के अवसर पैदा होंगे।
निवेश का प्रभाव :
- बैटरी निर्माताओं को फायदा: इस नियम से बैटरी बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है। Exide Industries, Amara Raja Batteries जैसी कंपनियों पर नज़र रखें।
- नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों पर असर: शुरुआत में इस नियम से सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की लागत बढ़ सकती है, लेकिन लंबे समय में यह इन कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। Suzlon Energy, Tata Power जैसी कंपनियों के प्रदर्शन पर ध्यान दें।
- सरकार का समर्थन: