अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतों में $1 से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है और अब यह $68.26 प्रति बैरल पर पहुँच गया है। इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह चीन द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और अधिक सक्रिय वित्तीय नीतियाँ लागू करने की घोषणा है।
चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है और उसकी अर्थव्यवस्था में तेजी आने से तेल की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण भी तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
मुख्य जानकारी :
- चीन की नई वित्तीय नीतियों से उसकी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है, जिससे तेल की मांग बढ़ सकती है।
- मध्य पूर्व में geopolitical tensions बढ़ रहे हैं, जिससे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
- अमेरिका में तेल के भंडार में कमी आई है, जिससे भी कीमतों में तेजी आई है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- तेल आयात करने वाली कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे उनके शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- निवेशकों को ऊर्जा क्षेत्र पर नज़र रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
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