अमेरिका में कच्चे तेल का भाव गुरुवार को 24 सेंट (0.35%) गिरकर 68.30 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह गिरावट मुख्यतः इस्राइल-हिज़्बुल्लाह संघर्ष से आपूर्ति जोखिमों को लेकर चिंता कम होने और 2025 में आपूर्ति बढ़ने की संभावना के कारण आई है। हालांकि, ओपेक+ (तेल उत्पादक देशों का संगठन) द्वारा उत्पादन में कटौती जारी रखने की उम्मीद है।
मुख्य जानकारी :
- इस्राइल-हिज़्बुल्लाह संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई थी, वह अब कम हो रही है क्योंकि संघर्ष से आपूर्ति पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि 2025 में तेल की आपूर्ति में 10 लाख बैरल प्रति दिन से ज़्यादा की वृद्धि होगी, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 1% है।
- ओपेक+ देशों के समूह ने अपनी अगली बैठक 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है, जिसमें उत्पादन में कटौती को आगे बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों पर दबाव पड़ सकता है।
- ओपेक+ की बैठक के नतीजों पर नज़र रखना ज़रूरी होगा, क्योंकि उत्पादन में कटौती से तेल की कीमतों में फिर से तेज़ी आ सकती है।
- निवेशकों को तेल बाजार की गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए और सोच-समझकर निवेश के फैसले लेने चाहिए।
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