भारतीय सेना को जल्द ही एक नई और बेहतर कार्बाइन मिल सकती है! रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इस कार्बाइन को बनाने के लिए दो कंपनियों को चुना है – स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री (SAF) और कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड (KSSL)।
यह नई कार्बाइन, भारतीय सेना की पुरानी और भारी INSAS राइफल की जगह लेगी। इससे सैनिकों को युद्ध में अधिक फुर्ती और ताकत मिलेगी।
मुख्य जानकारी :
- आत्मनिर्भर भारत: यह फैसला भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूत करता है, जिसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
- प्रतिस्पर्धा: SAF और KSSL, दोनों कंपनियां इस कार्बाइन को बनाने के लिए अपनी तकनीक और डिज़ाइन DRDO को दिखाएंगी। जिस कंपनी का डिज़ाइन बेहतर होगा, उसे यह ठेका मिलेगा। इससे गुणवत्ता में सुधार और कीमत में कमी आने की उम्मीद है।
- नई तकनीक: यह नई कार्बाइन हल्की, आधुनिक और ज़्यादा शक्तिशाली होगी, जिससे भारतीय सैनिकों को युद्ध में फायदा मिलेगा।
निवेश का प्रभाव :
- भारत फोर्ज: कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड, भारत फोर्ज की एक सहायक कंपनी है। अगर KSSL को यह ठेका मिलता है, तो भारत फोर्ज के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
- रक्षा क्षेत्र: यह खबर रक्षा क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए अच्छी है। सरकार रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काफी पैसा लगा रही है, जिससे इस क्षेत्र में तेजी आने की उम्मीद है।
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