अक्टूबर 2024 में भारत का औद्योगिक उत्पादन बढ़कर 3.5% हो गया, जो कि उम्मीद से ज़्यादा है। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि यह 3.5% रहेगा। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण त्योहारों के समय माँग में हुई बढ़ोतरी है। बिजली उत्पादन में 11.2% की और मैन्युफैक्चरिंग में 3.5% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि माइनिंग में 1.5% की गिरावट आई। टिकाऊ वस्तुओं की माँग में 17.6% की बढ़ोतरी हुई, और पूंजीगत वस्तुओं में भी 22 महीनों में पहली बार 3.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेज़ी आगे बनी रहेगी, इसमें संदेह है क्योंकि आने वाले समय में मौद्रिक या राजकोषीय नीतियों में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है।
मुख्य जानकारी :
- त्योहारों के मौसम में ज़्यादा खरीदारी की वजह से औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
- टिकाऊ वस्तुओं (जैसे गाड़ियाँ, फ्रिज) और पूंजीगत वस्तुओं (जैसे मशीनें) की माँग में अच्छी बढ़ोतरी हुई है।
- माइनिंग क्षेत्र में गिरावट चिंता का विषय है।
- आगे चलकर यह बढ़ोतरी बनी रहेगी या नहीं, यह आर्थिक नीतियों और वैश्विक हालात पर निर्भर करेगा।
निवेश का प्रभाव :
- टिकाऊ वस्तुओं और पूंजीगत वस्तुओं से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेज़ी आ सकती है।
- माइनिंग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को आने वाले समय में RBI की नीतियों और वैश्विक आर्थिक हालात पर नज़र रखनी चाहिए।
- लंबी अवधि के निवेश के लिए, कंपनियों के fundamentals और उनके भविष्य की योजनाओं को समझना ज़रूरी है।
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