कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 73 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए। इसका मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है, क्योंकि कच्चे तेल का व्यापार डॉलर में होता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती तो की, लेकिन आगे कम कटौती का संकेत दिया, जिससे डॉलर और मजबूत हुआ। इससे यह भी चिंता बढ़ गई कि आगे तेल की मांग कम हो सकती है।
मुख्य जानकारी :
- ब्रेंट क्रूड के दामों में गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है।
- फेडरल रिजर्व के संकेतों से आगे तेल की मांग में कमी की आशंका है।
- तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ ने उत्पादन में कटौती नहीं करने का फैसला किया है, जिससे आपूर्ति बढ़ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- कच्चे तेल में निवेश करने वालों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है।
- तेल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों पर दबाव बन सकता है।
- दूसरी ओर, तेल की कीमतें कम होने से परिवहन और अन्य उद्योगों को कुछ राहत मिल सकती है, जिससे उनके शेयरों में तेजी आ सकती है।
- निवेशकों को सलाह है कि वे तेल बाजार पर नजर रखें और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लें।
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