कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड के दाम 1% बढ़कर 76.92 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुए। यह बढ़ोतरी अमेरिका और यूरोप में ठंड के मौसम की वजह से हुई है, जिससे ईंधन की मांग बढ़ी है। जानकारों का मानना है कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद और चीन में मांग बढ़ने की संभावना से भी क्रूड के दामों को सहारा मिल रहा है।
मुख्य जानकारी :
- ठंड का मौसम: अमेरिका और यूरोप में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे लोग घरों को गर्म रखने के लिए ज़्यादा ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे क्रूड की मांग बढ़ी है और दामों में तेज़ी आई है।
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार: अमेरिका में अर्थव्यवस्था के बेहतर होने की उम्मीद है। इससे उद्योगों में उत्पादन बढ़ेगा और क्रूड की मांग और बढ़ सकती है।
- चीन में मांग: चीन अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई कदम उठा रहा है। इससे वहां क्रूड की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
निवेश का प्रभाव :
क्रूड के दामों में तेज़ी का असर तेल कंपनियों के शेयरों पर देखने को मिल सकता है।
- तेल कंपनियों के शेयर: ONGC, Reliance Industries, Oil India जैसी कंपनियों के शेयरों में तेज़ी आ सकती है।
- पेट्रोलियम उत्पाद: पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे परिवहन और अन्य उद्योगों की लागत बढ़ सकती है।
- मुद्रास्फीति: क्रूड के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, क्योंकि कई चीज़ों के दाम तेल पर निर्भर करते हैं।
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