कल के कारोबार में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स में थोड़ी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह अमेरिकी डॉलर में आई कमजोरी और अमेरिका व जर्मनी के कमजोर आर्थिक आंकड़ों को माना जा रहा है जिससे मांग में कमी की आशंका बढ़ गई है।
हालांकि, इससे पहले क्रूड की कीमतें 12 हफ़्तों के उच्चतम स्तर पर पहुँचने वाली थीं क्योंकि अमेरिकी डॉलर में 1.1% की गिरावट आई थी। यह गिरावट इस खबर के बाद आई थी कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प महत्वपूर्ण आयातों पर सीमित टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।
लेकिन, डॉलर में गिरावट धीमी पड़ गई जब ट्रम्प ने इस रिपोर्ट का खंडन किया। ब्रेंट क्रूड 0.3% गिरकर 76.3 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जिससे लगातार पाँच दिनों की तेजी का सिलसिला थम गया।
मुख्य जानकारी :
- ब्रेंट क्रूड में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर में आई कमजोरी और मांग में कमी की आशंका है।
- इससे पहले क्रूड की कीमतें बढ़ रही थीं क्योंकि डॉलर कमजोर हुआ था।
- ट्रम्प के टैरिफ संबंधी बयान से बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया।
निवेश का प्रभाव :
- क्रूड में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों पर दबाव बन सकता है।
- डॉलर में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी नीतियों पर नजर रखना जरूरी है।
- निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए।
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