भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARCs) के साथ बकाया राशि के निपटान के लिए नए नियम जारी किए हैं। ये नियम 20 जनवरी से लागू हो गए हैं।
क्या हैं नए नियम?
- अब ARCs को बैंकों से कर्ज लेने के लिए RBI से मंजूरी लेनी होगी।
- ARCs को यह भी बताना होगा कि वे बकाया राशि का निपटारा कैसे करेंगे।
- RBI ने ARCs को कर्जदारों के साथ निपटान करते समय पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके अपनाने के लिए कहा है।
नए नियम क्यों लाए गए हैं?
RBI ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कुछ ARCs नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इससे बैंकों और कर्जदारों दोनों को नुकसान हो रहा था। नए नियमों से यह सुनिश्चित होगा कि ARCs सही तरीके से काम करें और बकाया राशि का निपटान पारदर्शी तरीके से हो।
मुख्य जानकारी :
- RBI का यह कदम बैंकिंग क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। इससे बैंकों का NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) कम करने में मदद मिलेगी।
- नए नियमों से ARCs के कामकाज में पारदर्शिता आएगी।
- कर्जदारों को भी इन नियमों से फायदा होगा क्योंकि उन्हें ARCs के साथ निपटान करने में आसानी होगी।
निवेश का प्रभाव :
- बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों पर इन नियमों का सकारात्मक असर पड़ सकता है।
- ARCs से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को बैंकिंग क्षेत्र और ARCs से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।
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