चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भारत से आने वाले साइपरमेथ्रिन नामक रसायन पर अँटी-डंपिंग जांच शुरू कर दी है। साइपरमेथ्रिन का इस्तेमाल मुख्य रूप से कीटनाशकों को बनाने में होता है, जिनका उपयोग खेती, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। चीन का कहना है कि भारत साइपरमेथ्रिन को बहुत कम दामों पर बेच रहा है जिससे चीन के अपने उद्योग को नुकसान हो रहा है।
यह जांच मई 2025 तक पूरी होनी चाहिए, लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसे छह महीने के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। अगर जांच में यह साबित होता है कि भारत डंपिंग कर रहा है, तो चीन भारत से आने वाले साइपरमेथ्रिन पर अतिरिक्त शुल्क लगा सकता है।
मुख्य जानकारी :
- चीन का यह कदम भारत के रसायन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि चीन साइपरमेथ्रिन का एक प्रमुख खरीदार है।
- अगर चीन अतिरिक्त शुल्क लगाता है, तो भारत से साइपरमेथ्रिन का निर्यात महँगा हो जाएगा और भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
- यह घटना भारत और चीन के बीच व्यापारिक तनाव को और बढ़ा सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- जिन कंपनियों का कारोबार साइपरमेथ्रिन के निर्यात पर निर्भर करता है, उनके शेयरों में गिरावट देखी जा सकती है।
- निवेशकों को ऐसे शेयरों में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार की स्थिति पर नज़र रखनी चाहिए।
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