तेल के दामों में आज फिर से तेजी देखने को मिली है। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतें जुलाई 2024 के बाद सबसे ऊपर पहुँच गई हैं, जबकि ब्रेंट क्रूड में 2 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई है।
इस तेजी के पीछे कई कारण हैं:
- मध्य पूर्व में तनाव: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण तेल की आपूर्ति में कमी की आशंका है। इससे तेल के दाम बढ़ रहे हैं।
- मांग में वृद्धि: दुनिया भर में तेल की मांग बढ़ रही है, खासकर अमेरिका जैसे बड़े देशों में। इससे भी तेल के दामों को ऊपर की ओर धकेल रहा है।
- डॉलर में कमजोरी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं में मजबूती आने से भी तेल के दाम बढ़ रहे हैं, क्योंकि तेल का कारोबार डॉलर में होता है।
मुख्य जानकारी :
तेल की कीमतों में यह तेजी तेल उत्पादक कंपनियों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन इसका असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ेगा। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
निवेश का प्रभाव :
- तेल कंपनियों के शेयर: तेल की कीमतों में तेजी से तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- ऊर्जा क्षेत्र: ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े शेयरों में भी निवेश का अच्छा मौका हो सकता है।
- महंगाई: बढ़ती तेल की कीमतों से महंगाई बढ़ सकती है, इसलिए निवेशकों को ऐसे शेयरों पर ध्यान देना चाहिए जो महंगाई से बचाव कर सकें।
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