दुनिया की सबसे बड़ी शराब कंपनियों में से एक, Diageo, और कुछ अन्य विदेशी शराब कंपनियां तेलंगाना सरकार से 466 मिलियन डॉलर (लगभग 3800 करोड़ रुपये) की मांग कर रही हैं। यह मांग इसलिए की गई है क्योंकि तेलंगाना सरकार ने 2014 में शराब की दुकानों के लाइसेंस देने की नीति में बदलाव किया था, जिससे इन कंपनियों को नुकसान हुआ था।
सरकार ने पहले कुछ कंपनियों को शराब बेचने का विशेष अधिकार दिया था, लेकिन बाद में यह नीति बदलकर लॉटरी सिस्टम लागू कर दिया। इन कंपनियों का कहना है कि नीति में अचानक बदलाव से उन्हें भारी नुकसान हुआ और उन्हें अपने गोदामों में रखा शराब का स्टॉक नष्ट करना पड़ा। इसलिए, वे अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रही हैं।
मुख्य जानकारी :
- यह मामला दिखाता है कि सरकारी नीतियों में बदलाव का कारोबार पर कितना गहरा असर पड़ सकता है।
- विदेशी कंपनियों और सरकार के बीच यह विवाद निवेश के माहौल को प्रभावित कर सकता है।
- अगर Diageo और अन्य कंपनियां यह केस जीत जाती हैं, तो इससे तेलंगाना सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- यह खबर शराब कंपनियों (जैसे United Spirits, Radico Khaitan) के शेयरों में उतार-चढ़ाव ला सकती है।
- निवेशकों को सरकार के फैसले और इस मामले के आगे के घटनाक्रम पर नज़र रखनी चाहिए।
- इस मामले का भारतीय शेयर बाजार पर सीधा असर शायद नहीं पड़ेगा, लेकिन यह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, खासकर जो शराब सेक्टर में निवेश करते हैं।