यूरोपीय संघ (EU) ने घोषणा की है कि वह रूस से गैस खरीदने के लिए मौजूदा समझौते के खत्म होने के बाद भी अपनी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी करने के लिए तैयार है। यह समझौता 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। EU ने रूस पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि:
- तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का आयात बढ़ाना: EU अब अमेरिका और कतर जैसे देशों से LNG खरीद रहा है।
- अन्य देशों से पाइपलाइन के ज़रिए गैस प्राप्त करना: EU अज़रबैजान और नॉर्वे जैसे देशों से गैस आयात कर रहा है।
- ऊर्जा दक्षता में सुधार: EU ऊर्जा की खपत कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है।
मुख्य जानकारी :
- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से EU रूस से अपनी ऊर्जा निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है।
- EU के इस कदम से रूस को आर्थिक नुकसान हो सकता है, क्योंकि EU उसका एक बड़ा गैस ग्राहक है।
- ऊर्जा बाजार में यह एक बड़ा बदलाव है, जिसका असर वैश्विक ऊर्जा कीमतों पर पड़ सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों, जैसे कि LNG उत्पादक और परिवहन कंपनियों, के शेयरों में तेजी आ सकती है।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के अवसर बढ़ सकते हैं।
- रूस पर निर्भर ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है।
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