यूरोपीय संघ (EU) 2025 में चीन से आयातित टाइटेनियम डाइऑक्साइड पर शुल्क लगाने की योजना बना रहा है। टाइटेनियम डाइऑक्साइड एक सफेद रंगद्रव्य है जिसका उपयोग पेंट, प्लास्टिक, कागज और सौंदर्य प्रसाधन जैसे विभिन्न उत्पादों में किया जाता है। EU का मानना है कि चीन अनुचित तरीके से कम कीमतों पर टाइटेनियम डाइऑक्साइड का निर्यात कर रहा है, जिससे यूरोपीय उत्पादकों को नुकसान हो रहा है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इस योजना पर चिंता व्यक्त की है और उम्मीद जताई है कि EU अपनी जांच विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुसार करेगा और व्यापार उपायों का दुरुपयोग नहीं करेगा। चीन का कहना है कि वह WTO नियमों का पालन करता है और अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल नहीं है।
मुख्य जानकारी :
- EU का यह कदम चीन और EU के बीच व्यापार तनाव को बढ़ा सकता है।
- अगर EU शुल्क लगाता है, तो टाइटेनियम डाइऑक्साइड का आयात महंगा हो जाएगा, जिससे यूरोपीय उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
- चीन की कंपनियों को EU में अपना माल बेचने में मुश्किल हो सकती है, जिससे उनका मुनाफा कम हो सकता है।
निवेश का प्रभाव :
- टाइटेनियम डाइऑक्साइड का उत्पादन करने वाली चीनी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- पेंट, प्लास्टिक और सौंदर्य प्रसाधन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली यूरोपीय कंपनियों के लिए लागत बढ़ सकती है, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित हो सकता है।
- निवेशकों को इस मामले पर नजर रखनी चाहिए और आगे बढ़ने से पहले स्थिति का आकलन करना चाहिए।
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