आज भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FII) ने 1,627.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,510.35 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इसका मतलब है कि विदेशी निवेशकों ने ज्यादा शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों ने उन्हें खरीदने का प्रयास किया। यह बाजार में एक तरह का संतुलन बनाने की कोशिश है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू निवेशकों की खरीदारी के बीच यह अंतर थोड़ा सा ही है, जिससे बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिख रहा है।
मुख्य जानकारी :
विदेशी निवेशकों की बिकवाली कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी, या भारत में विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव। दूसरी ओर, घरेलू निवेशकों की खरीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके विश्वास को दर्शाती है। यह भी हो सकता है कि घरेलू निवेशक उन शेयरों को खरीद रहे हों जो विदेशी निवेशकों ने बेचे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये शेयर कम कीमत पर मिल रहे हैं। यह स्थिति बाजार में थोड़ी अस्थिरता पैदा कर सकती है, लेकिन घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी इसे स्थिर रखने में मदद कर सकती है।
निवेश का प्रभाव :
निवेशकों को इस डेटा को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना चाहिए। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली बाजार में गिरावट का संकेत दे सकती है, जबकि घरेलू निवेशकों की खरीदारी कुछ शेयरों को सहारा दे सकती है। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखना चाहिए और उन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए जिनमें घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी है। अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो आपको इस उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए। बाजार में ऐसे छोटे उतार चढ़ाव सामान्य हैं। अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करके रिस्क को कम करें।
स्रोत:
- NSE India: https://www.nseindia.com/
- BSE India: https://www.bseindia.com/
- Moneycontrol: https://www.moneycontrol.com/