दुनिया की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनियों में से एक, रूस की रूशल, अगले 18 महीनों में अपने एल्युमीनियम उत्पादन में 6% की कमी करने वाली है। यह फैसला यूरोप में कर्ज संकट और दुनिया भर में आर्थिक मंदी के कारण लिया गया है, जिससे एल्युमीनियम की मांग और कीमतें कम हो गई हैं।
रूशल का मानना है कि चीन को छोड़कर, दुनिया भर में प्राथमिक एल्युमीनियम उत्पादन में 27 लाख टन की कमी आ सकती है। चीन में भी उत्पादन में 12 लाख टन की कमी आने का अनुमान है। कुल मिलाकर, यह कमी लगभग 39 लाख टन होगी, जो रूशल के 2012 के उत्पादन अनुमान का लगभग 8% है। इससे वैश्विक उत्पादन घटकर लगभग 4.875 करोड़ टन रह जाएगा।
रूशल का अनुमान है कि एल्युमीनियम की मांग 7% बढ़कर 4.82 करोड़ टन हो जाएगी, जिसमें चीन में 11% की वृद्धि होगी, जो यूरोप में स्थिर मांग की भरपाई करेगी।
मुख्य जानकारी :
- एल्युमीनियम की वैश्विक मांग में कमी और कीमतों में गिरावट के कारण रूशल उत्पादन में कटौती कर रही है।
- रूशल को उम्मीद है कि अन्य कंपनियां भी उत्पादन में कटौती करेंगी, खासकर चीन में।
- चीन में एल्युमीनियम की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो वैश्विक बाजार को स्थिर करने में मदद कर सकती है।
- यह खबर हिंडाल्को जैसी भारतीय एल्युमीनियम कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक एल्युमीनियम बाजार में बदलाव का असर इन पर भी पड़ेगा।
निवेश का प्रभाव :
- एल्युमीनियम उत्पादन में कमी से कीमतों में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन यह मांग पर निर्भर करेगा।
- हिंडाल्को के निवेशकों को वैश्विक एल्युमीनियम बाजार पर नजर रखनी चाहिए, खासकर चीन में मांग और उत्पादन के रुझानों पर।
- इस समय एल्युमीनियम क्षेत्र में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।
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