जर्मनी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में थोड़ी राहत की खबर है। जनवरी 2025 में जर्मनी का मैन्युफैक्चरिंग PMI 44.1 रहा, जो दिसंबर 2024 के 42.5 के आंकड़े से बेहतर है। हालांकि यह आंकड़ा अभी भी 50 से नीचे है, जिसका मतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अभी भी गिरावट जारी है, लेकिन गिरावट की गति धीमी हुई है।
PMI इंडेक्स, कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों से उनके बिजनेस के बारे में जानकारी लेकर बनाया जाता है। इसमें नए ऑर्डर, उत्पादन, रोजगार, सप्लाई में लगने वाला समय और खरीदे गए सामान जैसे पहलुओं को देखा जाता है।
मुख्य जानकारी :
- जर्मनी की अर्थव्यवस्था, जो यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, पिछले कुछ समय से मंदी के दौर से गुजर रही है।
- ऊर्जा की ऊंची कीमतें, बढ़ती हुई ब्याज दरें और कमजोर वैश्विक मांग की वजह से जर्मनी के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है।
- PMI में हल्का सुधार इस बात का संकेत है कि शायद जर्मनी की अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है, लेकिन यह सुधार अभी शुरुआती स्तर पर है।
निवेश का प्रभाव :
- जर्मनी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आए इस सुधार से वैश्विक बाजारों में थोड़ी उम्मीद जगी है।
- अगर जर्मनी की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होता है, तो इसका सकारात्मक असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है।
- निवेशकों को फिलहाल सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।