आज, 1 जुलाई 2025 को, भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छी खबर है! गिफ्ट निफ्टी (GIFT Nifty) हल्की बढ़त के साथ 25,635 के स्तर पर खुला है, जो निफ्टी 50 के लिए थोड़ी सकारात्मक शुरुआत का संकेत दे रहा है। इसका मतलब है कि आज भारतीय बाजार खुलने पर थोड़ी तेजी दिखा सकते हैं। हालांकि, ये बढ़त बहुत मामूली है, सिर्फ 0.01%। गिफ्ट निफ्टी दरअसल निफ्टी 50 इंडेक्स का एक डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जो भारत के गुजरात के गांधीनगर में गिफ्ट सिटी (GIFT City) में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE IX) पर ट्रेड होता है। यह भारतीय बाजार खुलने से पहले वैश्विक रुझानों को दर्शाता है, जिससे निवेशकों को बाजार के शुरुआती रुख का अंदाजा लगता है।
पिछले कारोबारी सत्र में, सोमवार को, भारतीय शेयर बाजार ने अपनी चार दिनों की तेजी को तोड़ते हुए गिरावट दर्ज की थी। सेंसेक्स 452.44 अंक (0.54%) गिरकर 83,606.46 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 50, 120.75 अंक (0.47%) गिरकर 25,517.05 पर बंद हुआ था। लेकिन आज, वैश्विक बाजारों से कुछ मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं, जिसमें अमेरिकी बाजारों में रात भर की रिकॉर्ड बढ़त भी शामिल है। जापान का निक्केई 225 और टॉपिक्स इंडेक्स में गिरावट आई है, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और कोस्डैक बढ़ा है। चीन और हॉन्गकॉन्ग के बाजार आज सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद हैं।
मुख्य जानकारी :
आज गिफ्ट निफ्टी में जो हल्की बढ़त दिख रही है, वह मुख्य रूप से रात भर के अमेरिकी बाजारों में आई तेजी का नतीजा है, जहां एसएंडपी 500 और नैस्डैक ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हालांकि, एशियाई बाजारों से संकेत मिले-जुले हैं, जो भारतीय बाजार के लिए एक सपाट या हल्की सकारात्मक शुरुआत का सुझाव देते हैं। यह छोटी सी बढ़त यह भी दर्शाती है कि वैश्विक निवेशकों का भारतीय बाजार के प्रति भरोसा बना हुआ है, भले ही पिछले सत्र में थोड़ी गिरावट आई हो।
हाल ही में जारी आर्थिक आंकड़ों में, भारत का औद्योगिक उत्पादन मई 2025 में नौ महीने के निचले स्तर 1.2% पर आ गया है, जो विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण हुआ है। यह आंकड़ा बाजार के लिए चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन जीएसटी संग्रह में वृद्धि (वित्त वर्ष 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये) और राजकोषीय घाटे में कमी (पहले दो महीनों में पूरे साल के लक्ष्य का केवल 0.8%) सकारात्मक संकेत हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) जून में नेट खरीदार रहे हैं, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) भी बाजार में खरीदारी कर रहे हैं, जो बाजार को सहारा दे रहा है।
निवेश का प्रभाव :
गिफ्ट निफ्टी में मामूली बढ़त भारतीय बाजार के लिए एक शांत और शायद थोड़ी सकारात्मक शुरुआत का संकेत देती है। निवेशकों को आज बाजार में ज्यादा बड़ी हलचल की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, लेकिन वैश्विक संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन जीएसटी संग्रह और राजकोषीय घाटे में सुधार कुछ हद तक इस चिंता को कम कर सकता है।
निवेशकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जो वैश्विक संकेतों से कम प्रभावित होते हैं या जिनमें घरेलू विकास की मजबूत संभावनाएं हैं। बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, ऑटो और रियल्टी जैसे दर-संवेदनशील क्षेत्र अभी भी आकर्षक दिख रहे हैं। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में लचीलापन देखने को मिल रहा है, जो मजबूत कमाई की उम्मीदों से प्रेरित है। लंबी अवधि के निवेशक “डिप पर खरीदें” (buy-on-dips) की रणनीति अपना सकते हैं, लेकिन सावधानी बरतते हुए केवल अच्छी बुनियाद वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए।