ग्लैंड फार्मा, जो इंजेक्शन वाली दवाएं बनाने वाली एक भारतीय कंपनी है, को अमेरिका में अपनी एक नई आंखों की दवा बेचने की शुरुआती मंजूरी मिल गई है। यह दवा लैटानोप्रोस्टीन बुनॉड ऑप्थेल्मिक सॉल्यूशन है, और इसका इस्तेमाल आंखों के अंदर का दबाव कम करने के लिए किया जाता है, खासकर ग्लूकोमा और ऑक्यूलर हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों में। यह दवा अमेरिकी कंपनी बॉश एंड लॉम्ब की एक पहले से मौजूद दवा ‘वायजुल्टा’ जैसी ही है। ग्लैंड फार्मा का मानना है कि उन्होंने ही सबसे पहले इस दवा का जेनेरिक (सस्ता) वर्जन बनाने के लिए आवेदन किया है। अगर उन्हें पूरी मंजूरी मिल जाती है, तो वे कुछ समय के लिए इस दवा को अकेले ही बेच सकेंगे। अनुमान है कि इस दवा का अमेरिकी बाजार में लगभग 153 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सालाना कारोबार है।
मुख्य जानकारी :
यह खबर ग्लैंड फार्मा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अमेरिका जैसे बड़े बाजार में किसी नई दवा की मंजूरी मिलना कंपनी के लिए विकास के नए रास्ते खोल सकता है। चूंकि ग्लैंड फार्मा का मानना है कि वे इस दवा के जेनेरिक वर्जन के लिए पहले आवेदक हैं, इसलिए उन्हें बाजार में शुरुआती बढ़त मिल सकती है। यह दवा उन मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है जिन्हें आंखों में उच्च दबाव की समस्या है, क्योंकि अब उन्हें एक सस्ता विकल्प मिलने की उम्मीद है।
निवेश का प्रभाव :
इस खबर का ग्लैंड फार्मा के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। अमेरिकी बाजार में इस दवा की अच्छी बिक्री की संभावना से कंपनी की कमाई बढ़ सकती है। निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह अभी शुरुआती मंजूरी है, और अंतिम मंजूरी मिलने में समय लग सकता है। साथ ही, बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ सकती है। फिर भी, यह खबर कंपनी के भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है।