सरकार ने एक नया प्रस्ताव रखा है जिससे भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को जीवन बीमा कंपनियों के लिए निवेश सीमा तय करने का अधिकार मिल जाएगा। अभी, जीवन बीमा कंपनियों को अपने फंड का 50% सरकारी बॉन्ड और दूसरे स्वीकृत प्रतिभूतियों में निवेश करना होता है। नए प्रस्ताव के तहत, यह सीमा घटाकर 25% कर दी जाएगी।
सरकार का मानना है कि इससे IRDAI को ज़्यादा लचीलापन मिलेगा और वो बाज़ार के हालात के हिसाब से निवेश सीमा तय कर सकेगा। इससे जीवन बीमा कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और बेहतर रिटर्न कमाने में मदद मिल सकती है।
मुख्य जानकारी :
- यह प्रस्ताव जीवन बीमा क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
- IRDAI को ज़्यादा शक्ति मिलने से निवेश नियमों में ज़्यादा गतिशीलता आ सकती है।
- जीवन बीमा कंपनियों के पास निवेश के ज़्यादा विकल्प होंगे, जिससे रिटर्न बढ़ सकता है।
- इससे शेयर बाज़ार में निवेश बढ़ सकता है क्योंकि बीमा कंपनियां अपने फंड का ज़्यादा हिस्सा शेयरों में लगा सकेंगी।
निवेश का प्रभाव :
- अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो जीवन बीमा कंपनियों के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है।
- निवेशकों को HDFC लाइफ जैसी जीवन बीमा कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखनी चाहिए।
- यह बदलाव लंबे समय में जीवन बीमा पॉलिसियों के रिटर्न को भी प्रभावित कर सकता है।
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