हिंदुस्तान ज़िंक के मुताबिक, 2025 में भी दुनिया भर में रिफाइंड ज़िंक की कमी बनी रहेगी। इसका मतलब है कि ज़िंक की मांग उसकी आपूर्ति से ज़्यादा होगी। इसकी वजह से ज़िंक की कीमतों में तेज़ी आ सकती है।
ज़िंक का इस्तेमाल कई चीज़ों में होता है, जैसे कि स्टील को जंग से बचाने, बैटरी बनाने, और दवाइयां बनाने में। इसकी मांग बढ़ रही है क्योंकि दुनिया भर में निर्माण और बुनियादी ढांचे का काम तेज़ी से हो रहा है।
मुख्य जानकारी :
- ज़िंक की कमी: दुनिया भर में ज़िंक की कमी का मतलब है कि ज़िंक बनाने वाली कंपनियों, जैसे हिंदुस्तान ज़िंक, को फायदा हो सकता है।
- कीमतों में तेज़ी: ज़िंक की कमी की वजह से उसकी कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे हिंदुस्तान ज़िंक का मुनाफा बढ़ सकता है।
- भारत में ज़िंक का उत्पादन: भारत दुनिया में ज़िंक का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, और हिंदुस्तान ज़िंक भारत की सबसे बड़ी ज़िंक उत्पादक कंपनी है।
निवेश का प्रभाव :
- हिंदुस्तान ज़िंक में निवेश: ज़िंक की बढ़ती कीमतों और मांग को देखते हुए, हिंदुस्तान ज़िंक के शेयरों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
- धातु क्षेत्र पर नज़र: निवेशकों को धातु क्षेत्र पर नज़र रखनी चाहिए, खासकर ज़िंक से जुड़ी कंपनियों पर।
- जोखिम: ज़िंक की कीमतें कई चीज़ों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि दुनिया भर में आर्थिक विकास और चीन में मांग। इसलिए, निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए।
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