कल अमेरिकी कच्चे तेल का भाव 11 सेंट (0.15%) बढ़कर 72.73 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह बढ़त इसलिए हुई क्योंकि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार उम्मीद से कम घटा है, जिससे तेल की मांग को लेकर थोड़ी उम्मीद जगी है।
मुख्य जानकारी :
- अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (EIA) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ्ते कच्चे तेल का भंडार 21 लाख बैरल घटा है, जबकि विश्लेषकों को 29 लाख बैरल घटने की उम्मीद थी।
- हालांकि, अमेरिका में पेट्रोल और डीजल का भंडार बढ़ा है, जिससे तेल की मांग को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं।
- चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की वजह से भी तेल की मांग पर दबाव है।
निवेश का प्रभाव :
- कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, क्योंकि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन अभी भी अनिश्चित है।
- ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार पर नजर रखनी चाहिए।
- तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं, जिसका असर महंगाई पर पड़ सकता है।