हुंडई मोटर इंडिया ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए ऐलान किया है कि वो अपनी गाड़ियों के 1,200 से ज़्यादा ज़रूरी पुर्ज़े और इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) के बैटरी पैक अब भारत में ही बनाएगी। इससे न सिर्फ़ भारत में रोज़गार बढ़ेगा, बल्कि विदेशों से सामान मंगाने पर होने वाला खर्चा भी कम होगा। कंपनी चेन्नई में अपने प्लांट में 194 से ज़्यादा भारतीय कंपनियों से 1,238 से ज़्यादा पुर्ज़े खरीद रही है। हुंडई अपनी नई फैक्ट्री महाराष्ट्र के तालेगांव में भी यही रणनीति अपनाएगी।
हुंडई ने भारत में बनने वाली एडवांस्ड ग्लास मैट (AGM) बैटरी तकनीक भी पेश की है, जो आम बैटरी से कहीं ज़्यादा टिकाऊ होती है। ये बैटरी ज़्यादा तापमान में भी बेहतर काम करती है और लंबे समय तक चलती है। इससे हुंडई भारत में और भी अच्छी इलेक्ट्रिक गाड़ियां बना सकेगी, जिनकी रेंज ज़्यादा होगी और प्रदूषण कम होगा।
मुख्य जानकारी :
- हुंडई का ये कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बहुत मज़बूती देगा।
- इससे भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
- विदेशी मुद्रा की बचत होगी क्योंकि पुर्ज़े अब भारत में ही बनेंगे।
- भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के विकास को गति मिलेगी।
- हुंडई की गाड़ियां और भी सस्ती और बेहतर हो सकती हैं।
निवेश का प्रभाव :
हुंडई का ये फ़ैसला निवेशकों के लिए काफ़ी अहम है। इससे पता चलता है कि कंपनी भारत को लेकर कितनी गंभीर है। हुंडई के शेयरों में तेज़ी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, जिन भारतीय कंपनियों से हुंडई पुर्ज़े खरीदेगी, उनके शेयरों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो ऑटोमोबाइल और ऑटो पुर्ज़े बनाने वाली कंपनियों पर नज़र रखें।
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